गवार सास
यह एक Moral Story in Hindi के साथ Moral Stories for kids भी है। जो बड़े बूढ़ो के ऊपर और साथ ही यहाँ बच्चो को भी काफी अच्छी सिख देगी जो अपने माँ बाप से सीखते वह उन्हें पालते है और बड़े होकर वो उनकी रेस्पेक्ट नहीं करते अपने स्टेटस के चक्क्र में वो बड़ो के साथ बाहर जाने में सरमते है और भुला जाते है की वो भी कही उनकी जगह जरूर आयंगे।
तो शुरू करते यह है। Moral Story.
गवार सास सुषमा ने अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर बड़ा आदमी बनाया अब वह शहर में अपने परिवार के साथ रहता है एक दिन 1 दिन सुषमा का बेटा सोहन अपनी पत्नी सानिया के साथ रहता है।बेटा बोला सानिया सुनो मां अबसे गांव में नहीं रहेगी वह हमारे साथ यही रहेगी शहर में उनका कमरा आज साफ करवा देना
पत्नी बोली हो आज तो मेरी किटी पार्टी है और मुझे जिम और शॉपिंग करने जाना है चलो ठीक है कल करवा दूंगी सोहन बोला ठीक है मां के सामने यह कपड़े नहीं चलेंगे तुम्हें साड़ी और सूट पहनना होगा सानिया बोली अरे बिल्कुल भी नहीं मेरे मम्मी पापा ने इतना पैसा लगाकर शादी इसलिए नहीं की थी
कि मैं अपनी मर्जी के कपडे भी ना पहन सकूं सोहन बोला चलो गुस्सा मत हो कुछ तो मां की खुशी के लिए कर सकती हो ना सानिया मानती नहीं शर्म आती है माँ आती है सुंदर सी साड़ी और झोला और चप्पल पहन कर सानिया बोली अरे सोहन मै इनके के साथ कैसे रहूंगी मेरे फ्रेंड्स क्या कहेंगे
यह तो पूरे गंवार लग रही हैं बेटा बोला सानिया मां गांव में ऐसे ही रहती हैं तुम आ जाओ और शॉपिंग करवा दो उनकी सानिया बोली इनके साथ तो घर के रहना अंदर मुश्किल है बहार में कभी ना जाओ उनके साथ सोहन को सानिया पर गुस्सा आ जाता है वह अपनी मां से बोलता है हाथ पकड़ता है
वह देखता है कि आप इतने कड़े हैं तूने उसका कोई इलाज नहीं किया मां बोली बेटा इसका कोई इलाज नहीं वैसे भी मुझे कोई शर्म नहीं कि मेरे हाथ मुलायम नहीं है क्योंकि इन हाथों से मैंने मेहनत कर तुझे तुझे पढ़ाया है बेटा नेक्स्ट डे बेटा मैं ऑफिस जा रहा हूं कुछ लाना है तो सानिया को बोलकर फोन करवा
देना सोहन के जाने के बाद सानिया बोली आज आप कमरे में ही रहेगा घर में पार्टी है मेरी सहेली आ रही है मां बोली ठीक है मैं तुम्हें कुछ खाने के लिए बना दूं पार्टी के लिए सानिया बोली नहीं वह सिर्फ चाइनीस और कॉन्टिनेंटल फूड खाते हैं माँ बोलतीमां बोलती है कभी इंडियन खिलाने वाला मिला नहीं होगा ना मैं बनाकर कमरे में चली जाऊंगी बहु बोली हां जैसी आपकी मर्जी सानिया के घर उसकी दोस्त आती हैं
और पार्टी होती हैं उसकी फ्रेंड बोलती है अरे वहां लिया यह क्या है खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट है यार इसकी रेसिपी मुझे चाहिए हां और यह दाल ओ माय गॉड मैंने तो किसी फाइव स्टार में भी ऐसी दाल नहीं खाई है यार तू कुक्कू यहां बुलाना सानिया बोलती है हां हां क्यों नहीं मारी जरा बाहर आइए सानिया के साथ सिंपल सी साड़ी और गांव के अंदाज में बाहर आती है और बोलती हैं
अरे बहु क्या हुआ खाना पसंद नहीं आया क्या सहेलियां हस्ते हुए बोलती है अरे गांव की दिखने वाली औरत तुम्हें बहू की बोल रही है कौन है यह हकलाते हुए बोलती है हमारी नई नौकरानी है सास बहू की बात सुनकर बहुत दुखी हो जाती है और वह बहुत उदास हो जाती है दूसरी सहेली बोलती है अरे माजी कहाँ जा रही है दूसरी सहेली उनके पैर छूती है।
I would have learned here (Moral)
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