मोमोस बनाने वाली बहु
Here the story is in moral stories in Hindi and this story is new moral stories,
इस कहानी में आपको पढ़ने को मिलेगा की कैसे एक बहु अपने परिवार को दुखो में संभालती है जो सास बहु को बेकार समझती है इस कहानी को पढ़ने के बाद उनकी गलत फेहमी दूर हो जाएगी।
मुंबई शहर में रिंकी नाम की लड़की और उसकी मम्मी पूनम और पिता सतनाम के साथ है रहती वह पढ़े लिखे और समझदार लड़की थी उसे मोमोज खाने का बहुत शौक था वह जहां भी जाती मोमोस खाए बिना नहीं आती उसने मुंबई की हर जगह के मोमोज ट्राई किए थे
और उसे अलग अलग जगह जाकर मोमोज खाना भी बहुत अच्छा लगता था ऐसे ही एक दिन रिंकी एक दिन अपनी फ्रेंड के साथ मोमोज खाने जाती है तो देखती है और बोलती है अरे यार देख यहां आज कंपटीशन हो रहा है और वह भी मोमोज खाने का उसकी दोस्त बोलती है चल चल कर देखते हैं रेडी वाला बोलता है तो दोस्तों आज यहां पर कोई ऐसा इंसान है जो इनको टक्कर दे सके
और आधे घंटे में हां सिर्फ आधे घंटे के अंदर 20 प्लेट मोमोज खा सकें रिंकी की फ्रेंड बोलती है अरे रिंकी मैं ना सच बोल रही हूं यह कंपटीशन तेरे अलावा कोई नहीं जीत सकता फेरी वाला बोलता है आओ आओ जल्दी आओ और हां कोई है कंपटीशन जीत गया तो हमारी तरफ से उसे लाइफटाइम फ्री मोमोस मिलेंगे दूसरी फ्रेंड बोलती है रिंकी अब तो यह बनता है मुझे तुम पर नाज है और पक्का यकीन है कि तुम्हारी जीत होगी रिंकी बोलती तो ठीक है अब मैं कंपटीशन में पार्टिसिपेट करती हूं ऐसा कह कर रिंकी कंपटीशन करना शुरू कर देती है
और देखते ही देखते वह आधे घंटे में 25 प्लेट मोमोज खा लेती है और एक नया रिकॉर्ड बना देती है जो कोई नहीं तोड़ पाता साथ ही रिंकी और उसके दोस्तों को लाइफटाइम फ्री मोमोज खाने का ऑफर भी मिलता है तो वहीं दूसरी तरफ उसके मम्मी पापा उसकी शादी की चिंता कर रहे होते
हैं और कुछ दिनों बाद रिंकी के लिए सोहन नाम के लड़के का रिश्ता आता है और वह अपनी मां के साथ रिंकी को देखने आता है रिंकी की माँ बोलती हैं बहन जी आराम से बैठो सोहन की मम्मी बोलती है जी जरूर रिंकी की मां बोलती है बहन जी कुछ लीजिए ना हम अभी लड़की को भी बुलाते हैं तभी रिंकी हाथ में चाय नाश्ता लेकर वहां आती है सोहन को रिंकी पहले ही नजर में पसंद आ जाती है और साथ ही उसकी मम्मी को भी रिंकी पसंद आ जाती है और जल्दी उनकी शादी धूमधाम से करवा देते हैं
कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक चलता है रिंकी अपने ससुराल की सारी जिम्मेदारियां संभाल लेती है लेकिन उसके मोमोज खाने की आदत नहीं जाती वह आए दिन मोमोस के साथ साथ कोई ना कोई नया अविष्कार करती ही रहती जो कि उसकी सांस को बिल्कुल पसंद नहीं आता था
और उसी को लेकर शीला रिंकी को ताने देती रहती थी ऐसे ही एक दिन शीला बोलती है कि ऐसी निकम्मी और बदतमीज बहू मिली है मुझे रिंकी बोलती क्यों मान जी मुझ में क्या कमी है जैसी बहू सबकी होती है वैसे ही मैं भी हूं शीला बोली हां वह तो दिख ही रहा है कुछ ढंग का तो आज तक
तो ठीक से बनाएं नहीं जब देखो मैदे के लड्डू बना कर ले आती है रोज के रोज रिंकी मन में बोलती है जब देखो जब बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ करती रहती है कुछ देर बाद रिंकी अपनी सास को
खाना देकर वहां से चली जाती है ऐसे ही दिन बीते जाते हैं और अचानक एक दिन रिंकी के पति
का कार से एक्सीडेंट हो जाता है तो उनकी जान तो बच जाती है लेकिन उसकी दिमाग पर चोट लगने की वजह से उसकी हालत बिल्कुल बच्चों जैसी हो जाती है और सोहन का काम भी बंद हो जाता है जिसकी वजह से उनके घर की हालत बहुत खराब हो जाती है।
साथ ही शीला इस सब का जिम्मेदार रिंकी को मानती है ऐसे ही एक दिन शीला ने बोल देती है कल मूवी यह जो कुछ हुआ है ना तेरी वजह से हुआ है आज मेरे बेटे की यह हालत तेरे वजह से हुई है रिंकी रोते हुए बोलती है इसमें मेरी क्या गलती है मैंने क्या किया है।
शीला बोलती है हाय रहने दे तू तो अगर तूने मेरे बेटे का अच्छे से ख्याल रखा होता ना तो आज यह नोबत नहीं आती सोहन बोलता है मुझे घुमाने बहार ले चलो तभी रिंकी बोली नहीं आज नहीं फिर कभी तभी सोहन रोते हुए बोलता है आप ऐसे ही बोलते हैं कोई मुझे प्यार नहीं करता रिंकी बोलती है जी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मैं जब शाम को आऊंगी ना तो हम दोनों घूमने चलेंगे
और बिल्कुल पक्का चलेंगे आप जो भी बोलोगे ना वैसा ही होगा अच्छा अब मैं जाऊं सोहन बोलता है ठीक है जाओ लेकिन जल्दी आना और सोहन की बात सुनकर रिंकी वहां से चली जाती है।
और खुशी-खुशी अपना स्टॉल लगाती है इसकी मोमोस की अलग-अलग वैराइटी और टेस्ट की
वजह से मोमोस लोगों को पसंद आना शुरू हो जाते हैं और देखते ही देखते उसके मोमोज़ सारे शहर में प्रसिद्ध हो जाते हैं साथ ही इन सबसे उनके घर की हालत भी धीरे-धीरे से ठीक होने लगती है इतना ही नहीं जहां रिंकी ने खूब मेहनत करके छोटे से स्टॉल से शुरुआत की थी।
और वह एक बड़े रेस्टोरेंट में बदल जाती है ऐसे ही एक दिन रिंकी सोहन को लेकर रेस्टोरेंट से आ रही होती है तभी अचानक कुछ गुंडे उनका पीछा करना शुरू कर देते हैं गुंडे बोलते हैं आ हो छम्मक छल्लो कहां जा रही है इस बच्चे के साथ आ जा जरा एक बार, यहाँ तो देख इस बच्चे को
देखो तेरे साथ जा रहा है तुझे तो हमारे साथ चलना चाहिए दूसरा बोलता है आजा मेरी रानी हमारे साथ चल, रिंकी बोलती हो यह क्या बोल रहे हो तुम और मेरे पीछा क्यों कर रहे हो, सोहन बोलता है रिंकी रिंकी चलो यहां से ये लोग बुरे हैं प्लीज चलो इस तरह वह गुंडे उनके पीछे पड़ जाते हैं और वहां हाथापाई में सोहन के सर पर जोरदार ठंडा लग जाता है जिसकी वजह से उसके सर से खून आने लगता है साथ ही वहां पुलिस भी आ जाती है
साथ ही वहां पुलिस भी आ जाती है जिसके वजह से गुंडे वहां से भाग जाते हैं और रिंकी तुरंत सोहन के पास जाकर उसे संभालती है और जैसे ही होश आता है वह कहता है अरे रिंकी हम यहां कैसे रिंकी बोलती है कि आपको कुछ याद है कि हम यहां कैसे आए सोहन बोलता है नहीं मुझे कुछ याद नहीं है और मुझे कुछ याद क्यों नहीं आ रहा तुम तो कुछ कहो रिंकी बोलती है
ये आप कैसे बोल रहे है बोलता है जैसे सब बोलते हैं वैसे ही मैं बोल रहा हूं रिंकी रोते हुए बोलती है इसका मतलब आप ठीक हो गए हैं सोहन जी आपको सब याद आ गया आप फिर से पहले जैसे हो गए यह भगवान तेरा शुक्र है कि सब कुछ ठीक हो गया सोहन बोलता है।
ठीक मतलब क्या हुआ था मुझे सोहन की बात सुनकर रिंकी उसे सब सच बताती है कि पिछले दिनों उनके साथ क्या-क्या हुआ है और साथ ही रिंकी की सास शीला को भी अपनी गलती का एहसास होता है और वह रिंकी से माफी मांगती है साथ ही उसे आशीर्वाद भी देती है सोहन भी अपने काम पर वापस लौट जाता है दोनों मिलकर खूब नाम कमाते हैं।
तो दोस्तों बताना जरूर यह कहानी आपको कैसी लगी कमेंट में जरूर बताये।
Lessons learned from this story (Moral)
Hindi story for kids इससे बच्चो को ही नहीं बल्कि बड़ो को भी यह सीख मिलती है की पहले तो लड़किया किसी से कम नहीं होती और मौका मिलने पर बहुत आगे जाती है तरक्की करती है जैसे Olympic में भी लड़किया ही ज्यादा आगे बड़ी है। और परिवार को कैसे एक जुट और मुश्किल समय में कैसे संभालना है वो एक वाइफ को अच्छे से आता है।
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