छोटी बहु रानी | Moral Stories In Hindi | Moral Story for Kids

छोटी बहु रानी Moral Story for Kids


यहाँ कहानी Moral Stories in Hindi है और ये कहानी New Moral Stories है इस कहानी आपको अपनी लव लाइफ याद आजायेगी की कैसे हम अपनी लव मैरिज को अर्रेंज करने में लगे रहते थे और घर वालो को मानाने मे लगे रहते थे ताकि कोई भी नाराज हो आपको इस स्टोरीज में यही देखने को मिलेगा की कैसे दो लवर घर वालो को मानाते है


छोटी बहु रानी | Moral Stories In Hindi


मोहन
और राशि एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे लेकिन मोहन ने जब एक दिन राशि को शादी के लिए कहा तो राशि ने मना कर दिया और कहा कि मैं जब तक शादी नहीं कर सकती जब तक दीदी की शादी नहीं होती और मैं हमारे बारे में कोई बात नहीं कर सकती फिर राशि के ऐसा बोलने पर बात यहीं दब जाती है और कुछ दिनों बाद

अपनी पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चली जाती है इसी तरह कुछ महीने बीत जाते हैं और उसकी बड़ी बहन का रिश्ता पक्का होता है तो राशि सीधे घर पहुंच जाती है बड़ी बहन बोलती है है महारानी कम से कम बहन की शादी सोच कर ही जल्दी घर जाती राशि बोली वैसे भी आपको मेरे होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता और फिर दोनों

बहनों के बीच कैटफाइट शुरू होने वाली होती है कि तभी उनकी मम्मी वहां जाती है तुम दोनों कभी शांत नहीं रह सकती बोलते हैं आज मुझे कोई ड्रामा नहीं चाहिए अब धीरे-धीरे शादी की सब रस्में शुरू होती हैं और जैसे ही वह मंडप में पहुंचती है तो वहां मोहन और राशि एक दूसरे को देख हैरान रह जाते हैं लेकिन कोई कुछ नहीं बोल

पाता जिसके बाद शालू की विदाई होते ही घर पहुंचते ही शालिनी मोहन को फोन करती है तुमने मुझको बताया क्यों नहीं जीजा जी तुम्हारे भाई है अरे मुझे खुद नहीं पता था कि भाभी की बहन तुम हो शालिनी बोली मेरा होने वाला ससुराल दीदी का बन गया अब तो तुम्हारी शादी भूल ही जाओ अरे ऐसा क्यों बोल रही हो बल्कि अब तो सब

तो आसान हो सकता है वह तो राशि बोली वो तो तुम्हे कुछ दिनों में समझ जाएगा ऐसा बोलकर राशि फोन रख देती है दूसरी तरफ शालिनी के ससुराल का सफर शुरू होता है जिसकी कुछ दिन उसके घमंड के तीर सब घर वालों पर चलने लगते हैं सोचा था सास बोली सोचा था अच्छी घरवाली समझदार लड़की है क्या पता था 

कि इस मुसीबत की पुड़िया को बांधकर साथ ला रहे हैं हे भगवान इसे हमारे घर भेजकर कौन से जन्म की सजा दे रहे हो शालू बोली मम्मी जी आपको बैठे हुए खाना पानी सब कुछ तो मिलता है यह सजा नहीं मजा है मजा सास बोली हां हां बिल्कुल सुबह का नाश्ता दोपहर में दोपहर का खाना रात और रात का खाना आधी रात में सब को खिलाना दिख रहा है मुझे क्यों बोल रहे हो प्लीज मुझसे ज्यादा बिजी लाइफ किसी की नहीं हो सकती


छोटी बहु रानी | Moral Story for Kids


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रियल पार्लर शॉपिंग साथ आप लोगों के लिए खाना बनाना अरे पता भी है आपको इन सब कामों के बीच कितनी थक जाती हूं मैं यह कहकर शालिनी वहां से चली जाती है और अपनी मां और भाभी की यह बातें सुनकर और मोहन को राशि की बात समझ जाती है राशि ही सही बोल रही थी ऐसे भी है इन सबके के बाद मां का राशि के

लिए हां बोलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है अब क्या करूं ऐसे ही दिन और ऐसे महीने बीत जाते हैं ससुराल वाले शालू से बिल्कुल परेशान हो जाते हैं राजीव मोहन का बड़ा भाई बोलता है तुम्हें कितनी बार बोला है कि मेरे तैयार होने से पहले नाश्ता बना लिया करो ऑफिस के लिए लेट हो जाता है शालू बोलती है सबको लगता है  मैं आपकी

पत्नी हूं जी नौकरानी नहीं इस घर में जितना करो उतना ही सबके लिए कम है मैं तो यहां काम ही कर कर के थक गयी पर किसी को कदर नहीं यह सब बड़बड़ा कर शालू चली जाती है लेकिन उसकी बात सुन मोहन को आईडिया जाता है और वह अपने भाई के पास जाकर उन्हें अपने और राशि बारे में सब कुछ बता देता है राजीव बोलै यह तो

मुझे पता था कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड है लेकिन तूने तो मेरे ही ससुराल में डाका मारा हुआ है और वैसे भी शालू  के हाल देखकर लगता है कि तुझे मां मानेगी भाई मोहन बोला वह भाभी जैसी नहीं है इसीलिए बोल रहा हूं मेरा आईडिया मस्त है प्लीज भाई मोहन की बात सुन राजीव अपनी भाई की खुशी के लिए बात मान लेता है 

और शालू के पास जाता है वैसे आज जो तुम और ज्यादा काम की बात कर रही थी ना क्यों ना हम तुम्हारे लिए घर में तुम्हारी मदद के लिए किसी को लेकर आए अब क्या अपने मां की पसंद वाली मेरे लिए सौतन लेकर आओगे अरे पगली उस दिन तुम्हारी बहन को यहां रहने के लिए बुला लेते हैं वह काम करेगी और तुम आराम करना इससे तुम्हें

शादी वाली बात पर उससे बदला भी मिल जाएगा बहन से पहले भी कुछ खास जोड़ी ना बन पाने की वजह से शालिनी बहुत सारी बातें पर परेशान करने का सोच रही थी फिर राशि को अपने ससुराल रहने के लिए बुला लेती है मोहन बोला तुम यहां गई अब बस किसी तरह मेरी मां को पटाना शुरू कर दो राशि बोली वह तो ठीक है

लेकिन अगर दीदी ने कोई गड़बड़ कर दी तो उसका भाई बोला तुम उसकी चिंता मत करो मैं संभाल लूंगा और इसके बाद राशि पूरे समय शासकीय पसंद ना पसंद के हिसाब से उनका दिल जीतने के लिए कोशिश करने लग जाती है और बोलती है आंटी जी आज खाने में क्या बनाना है सास बोली अरे मुझे क्या पता यह क्या कम थी 

जो दूसरी भी सर पर आकर बैठ गई इसी तरह कुछ दिन बीते हैं जिसमें राशि सब को खुश रखने में अपनी पूरी जान लगा देती है और देखते ही देखते अब मोहन की मां भी उसे पसंद करने लगती है सांस बोली जब तुम आए लगा कि एक और मुसीबत गई पर मानना पड़ेगा दोनों बहनों में जमीन आसमान का फर्क है तुम बहुत नेक

दिल हो और सब का ख्याल भी रखती हो जिस भी घर जाओगे ना उसे खुशियों से भर दोगी सास की यह बात सुनकर मौके पर चौका मारते हुए राजीव राशि और मोहन शादी की बात छेड़ देता है जिसे सुन कुछ देर तो सब सकते में जाते हैं लेकिन कुछ देर बाद सांस बोलती है आईडिया बुरा नहीं है कम से कम एक तो अच्छी बहु मिलेगी और इसी रजामंदी के साथ मोहन और राशि चट मंगनी और पट शादी कर लेते हैं|


Lessons learned from this story (Moral)

Hindi story for kids इससे बच्चो को ही नहीं बल्कि बड़ो को भी यहाँ सीख मिलती है की है की घर वालो की केयर करने से उनका आशीर्वाद ही मिलता है. और उनकी परमिशन कितनी जरुरी होती है और उनकी खुसी में ही अपनी कृषि है पीठ पीछे शादी करने से पेरेंट्स को बोहोत दुःख होता इसलिए सही समय पर सही फैसला करे और पेरेंट्स से सब बाटे शेयर करे।


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