विजयदशमी का त्यौहार। Mythology Story in Hindi
यह Mythology Story in Hindi के साथ Moral Stories in Hindi भी है। इस Mythology Story में आप जानेंगे की कैसे भस्मासुर ने पूरी दुनिया को बनाने वाले भगवान पर ही राज करने के लिए उनको मारने चला। फिर उसका अहंकार और घमंड उसको ले डूबा
तो शुरू करते यह है। Mythology Story in Hindi
राज करने की उसकी इच्छा उसने ब्रह्मा जी की तपस्या की और उनसे वरदान मांगने की इच्छा करने लगा कठिन तपस्या के बाद भूख प्यास बारिश से लड़ने के बाद ब्रह्मा जी प्रकट हुए और महिषासुर ने भगवान से वरदान मांग लिया कि उसको कोई हरा ना सके ना ही मार सके और कोई स्त्री उससे जीत ना सके
सुदामा और कृष्ण | Moral Story In Hindi
वरदान मिलने के बाद महिषासुर ने नियंत्रण खो दिया और धरती पर आक्रमण कर दिया वह समझता था। कि अब तो उसे ब्रह्मा विष्णु महेश भी नहीं रोक सकते फिर एक उपाय निकाला गया महिषासुर को पराजित करने का एक विकल्प ही आया था। कि कोई स्त्री उसे मार सकती है इसलिए बलशाली और
शक्तिशाली स्त्री को भेजा गया और उसका नाम था दुर्गा उसे सारे शस्त्र दिए गए और 2 नहीं 18 हाथों से लड़ने के करने की शक्ति दी गई विष्णु ने अपना-अपना सुदर्शन चक्र शिवा ने त्रिशूल और इंद्र ने वज्र देकर उन्हें सम्मानित किया। इतने सारे शास्त्रों के साथ दुर्गा को शेर की सवारी भी मिली और वह जल्दी महिषासुर का वध करने चली गई।
महिषासुर ने पूरी तैयारी कर रखी थी। दुर्गा जी पर सैकड़ों की सेना लेकर आक्रमण किया महिषासुर ने दुर्गा जी से कभी शेर के रूप में लड़ाई करी कभी हाथी के रूप में लड़ाई करी तो कभी जंगली भेंसे का रूप धारण किया परंतु दुर्गा जी ने उसकी सेना को चीर कर रख दिया। 9 दिन की लड़ाई के बाद दुर्गा जी
ने महिषासुर का वध कर दिया सारे ब्रह्मांड में इस विजय को मनाया गया और यही दिवस विजयदशमी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा 9 दिन की लड़ाई के कारण विजयदशमी को नवरात्रि भी कहा जाने लगा विजय की प्राप्ति दसवे दिन हुई तो इसे दशहरा भी कहा जाने लगा। दुर्गा जी और उनके सारे
अवतार और उनके सारे रूपों को भी पूज्य माना जाने लगा। बंगाल में उनकी पूजा को त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा। दशहरा मैसूर के चामुंडेश्वरी मंदिर में एक भव्य त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा यह भी माना जाता है कि श्री राम ने रावण को भी इसी दिन पराजित करते हुए मृत्यु के घाट उतार दिया था। उत्तर भारत में रामलीला के माध्यम से श्री राम और रावण की लड़ाई को दर्शाया जाता है।
महाभारत में इस दिन पांडवों ने अज्ञातवास पूरा किया उन्हें शस्त्र धारण करने का आदेश मिला जो शमी पेड़ में छुपाए गए थे। लोग इस दिन शमी पेड़ की पूजा भी करते हैं।
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