भस्मासुर की कहानी
यह Mythology Story in Hindi के साथ Moral Stories in Hindi भी है। इस Mythology Story में आप जानेंगे की कैसे अधिक घमंड करने से घमंड आपको कैसे ले डूबता है। इससे आप अपने आप को अँधेरे में रखते है। की आप सबसे ज्यादा सकती शैली है। पर ऐसा नहीं होता इस में आपको यही सिख मिलेगी।
तो शुरू करते यह है। Mythology Story in Hindi.
भस्मासुर एक अति शक्तिशाली राजा थे उनका शरीर बहुत ही बड़ा था और वह बहुत बलवान थे लेकिन वह काफी मूर्ख भी थे भस्मासुर एक बार एक जंगल में घूम रहे थे और बोल रहे थे मैं तो सबसे बलवान होना चाहता हूं उसके लिए मुझे चालाकी से एक रास्ता ढूंढ कर निकालना है इस कार्य में कौन
मेरा साथ देगा ऐसे सोच कर घूम रहे भस्मासुर के सामने नारद जी प्रकट हुए भस्मासुर ने सोचा सामने नारद मुनि आ रहे हैं यह तो सब जवाब जानते हैं उन्होंने नमस्कार नारद मुनि कहा मैं कैसे में इतना बल शाली बनु की कोई भी बल शाली मुझे ना हरा सके नारद मुनि बोले भस्मासुर शिव भगवान को याद करके
उनकी तपस्या करो तुम्हें जो भी वरदान चाहिए वह जरूर पूरा करेंगे ऐसा कहने पर भस्मासुर नारद मुनि जी को प्रणाम कर के घने जंगलों में अपनी यात्रा को आरंभ करके और एक बहुत ही शांतिपूर्ण जगह पर एक पेड़ के नीचे बैठकर शिव भगवान की प्रार्थना करने लगे बहुत वर्षों के बाद शिव भगवान उनके सामने
प्रकट हुए शिवजी भोले भस्मासुर मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हुआ अपनी आंखें खोल कर देखो तुम्हें क्या वरदान चाहिए भस्मासुर बोले मृत्यु मुझे हाथ नहीं लगा सके शिव जी बोले वह असंभव है यह प्रकृति के नियमों के विपरीत है संसार में हर जीव जंतु की मृत्यु अवश्य होती है तो भस्मासुर ने सोचा और उन्होंने
कहा अगर मैं किसी के सर पर हाथ रखो तो वह जलकर भस्म हो जाना चाहिए शिव जी ने कहा तथास्तु आप जिस पर भी तुम अपना दाहिना हाथ रखोगे उसकी मृत्यु हो जाएगी और वहीं पर ही भस्म हो जाएगा हाहाकार करते हुए भस्मासुर तुरंत अपने हाथों को किसी के सर पर रख कर परीक्षा करना चाहते थे ।
यहाँ भी पढ़े। :
होलिका दहन की कहानी | Mythology Story in
अब मैं सबसे शक्तिशाली हो चुका हूं मैं भगवान से बलवान हो गया हूं मैं महादेव को भी जलाकर कैलाश का राजा बन सकता हूं उनकी बातों को सुनकर शिव भगवान भयभीत हो गए भस्मासुर बोला अभी मैंने अपनी शक्ति को उपयोग नहीं किया मैं सबको दिखाना चाहता हूं तो शिव भगवान भयभीत होकर वहां
से भागने लगे परमेश्वरा रुको रुको भस्मासुर चिल्लाने लगा और उनके पीछे दौड़ने लगा तेज तेज हंसने लगा भागते भागते भस्मासुर शिव भगवान के सर पर हाथ रखने के लिए उनका पीछा करने लगा रुकिए रुकिए और तभी शिव भगवान ने विष्णु भगवान को याद किया घने जंगलों में भागते हुए शिव भगवान का
पीछा करते हुए भस्मासुर एकदम खड़े हो गए और उसने वहां एक बहुत ही सुंदर कन्या देखी इतनी सुन्दर कन्या कभी नहीं देखी थी उनकी सुंदरता को देखकर मोहित हुए भस्मासुर शिव भगवान को भूल गए यह सुंदर नारी कौन है मेरी प्रिय सुंदरी तुम कौन हो सुंदरी बोली पहले आप कौन हैं बताइए हां वही ठीक है मैं भस्मासुर हूं मैं मोहिनी हूं उस सुंदरी ने कहा।
भस्मासुर बोले तुम मुझसे विवाह करोगी मोहिनी हंस के वहां से चलने लगी भस्मासुर उनके पीछे-पीछे चलने लगे ऐसे वन में तू अकेले क्या कर रही हो कहां रहती हो मोहिनी बोली मैं रोज यहां अपने माता-पिता के साथ रहती हूं और रोज इन फूलों को इकट्ठा करती हूं भस्मासुर बोले तुम मुझसे ही विवाह करो मैं
तुम्हारी अच्छी तरह देखभाल करूंगा हमेशा तुझे खुश रखूंगा कोई कमी नहीं होने दूंगा मोहिनी बोली क्या आप मुझे मोहित कर रहे हैं मैं भी आपसे विवाह करना चाहती हूं मगर मैं एक नृतकी हूं मैं बचपन से ही नृतक से विवाह करना चाहती हूं क्या आपको निर्त्यै आता है भस्मासुर उन्होंने कहा मैं नृत्य नहीं जानता हूं
आप चिंता मत कीजिए मैं जैसे नृत्य करूंगी आप भी वैसे ही नृत्य करना और वैसा आपने कर दिया तो मैं आपकी हो जाऊंगी और उसके बाद मैं आपसे विवाह करूंगी भस्मासुर बोले जो तुम बोलोगी मैं वही करूंगा वह दोनों नृत्य करने लगे भस्मासुर मोहिनी को प्रसन्न करने हेतु मोहिनी की तरह निर्त्यै करने लगे भस्मासुर का पूरा ध्यान मोहिनी पर था।
तभी मोहिनी ने अपने हाथ को अपने सिर पर रखा और भस्मासुर भी अनजाने में उसी तरह अपने हाथ को सर पर रखा और खुद ही भस्म हो गया शिव भगवान के दिया हुआ वरदान के अनुसार भस्मासुर जलकर भस्म हो गया। मोहिनी के रूप में भगवान विष्णु थे। शिव भगवान सामने विष्णु जी प्रकट हुए शिव जी ने कहा शुक्रिया आपने मेरी रक्षा करि भगवान विष्णु बोले आप सोच समझ कर वर देना उचित होगा महादेवऔर दोनों हंसते रहे।
यहाँ भी पढ़े। :
0 टिप्पणियाँ
Please do no enter any spam link in the comment box